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Zulfiqar Naqvi Poetry In Hindi - Best Zulfiqar Naqvi Shayari, Sad Ghazals, Love Nazams, Romantic Poetry In Hindi - Darsaal

ज़ुल्फ़िकार नक़वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ुल्फ़िकार नक़वी

ज़ुल्फ़िकार नक़वी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ुल्फ़िकार नक़वी
नामज़ुल्फ़िकार नक़वी
अंग्रेज़ी नामZulfiqar Naqvi
जन्म की तारीख1965
जन्म स्थानJammu

सदियों के बाद होश में जो आ रहा हूँ मैं

खींच ली थी इक लकीर-ए-ना-रसा ख़ुद दरमियाँ

बेचैनी के लम्हे साँसें पत्थर की

अब ज़मीं पर क़दम नहीं टिकते

ज़ेर-ए-बाम गुम्बद-ए-ख़ज़रा अज़ाँ

वक़्त के पास कहाँ सारे हवाले होंगे

तुम जो छालों की बात करते हो

टेक लगा कर बैठा हूँ मैं जिस बूढ़ी दीवार के साथ

सिलसिला-दर-सिलसिला जुज़्व-ए-अदा होना ही था

शुऊर-ओ-फ़िक्र से आगे निकल भी सकता है

सदियों के बाद होश में जो आ रहा हूँ मैं

रहरव-ए-राह-ए-ख़राबात-ए-चमन

पुराने रंग में अश्क-ए-ग़म ताज़ा मिलाता हूँ

मुझ को तेरी चाहत ज़िंदा रखती है

मुझे ज़मान-ओ-मकाँ की हुदूद में न रख

मिरी ख़ाक में विला का न कोई शरार होता

कूज़ा-गर देख अगर चाक पे आना है मुझे

ख़ामोश ज़मज़मे हैं मिरा हर्फ़-ए-ज़ार चुप

दूर तक इक सराब देखा है

दश्त में धूप की भी कमी है कहाँ

बे-मुरव्वत हैं तो वापस ही उठा ले शब-ओ-रोज़

बेचैनी के लम्हे साँसें पत्थर की

बाल बाल दुनिया पर उस का ही इजारा है

अँधेरों से उलझने की कोई तदबीर करना है

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