हुई आग़ाज़ फूलों की कहानी
वो पहला दिल वो पहली ख़ुश-गुमानी
उदासी की महक आती है मुझ से
मिरी तन्हाई है इतनी पुरानी
हमें दोनों किनारे देखने में
तवज्जोह चाहती है ये रवानी
ये बारिश और ये पामाल सब्ज़ा
नुमू पाती हुई इक राएगानी
मोहब्बत हो गई इक रोज़ 'आदिल'
हमारा मश्ग़ला था बाग़बानी