बड़ी मुश्किल कहानी थी मगर अंजाम सादा है
बड़ी मुश्किल कहानी थी मगर अंजाम सादा है
कि अब उस शख़्स का हम से बिछड़ने का इरादा है
और इस के बा'द इक ऐसे ही लम्हे तक है ख़ामोशी
हमें दर-पेश फिर से लम्हा-ए-तज्दीद-ए-वाअदा है
सुनो रस्ते में इक जलता हुआ सहरा भी आएगा
कहो कब तक हमारे साथ चलने का इरादा है
हमें आसानियों से प्यार था और लोग कहते थे
अगर मंज़िल से हट जाएँ तो हर रस्ता कुशादा है
सितारा-दर-सितारा टूटता है आसमाँ तो भी
तिरे क़िस्से में भी मेरी कहानी का इआदा है
मैं हूँ ना-मो'तबर मंज़िल की ख़ातिर मो'तबर रह पर
वजूद-ए-ख़्वाहिश-ए-जाँ पर दुआओं का लिबादा है
कुछ ऐसी शिद्दतों से हम गुज़र कर आए हैं 'आदिल'
हमें तेरी ज़रूरत भी ज़रूरत से ज़ियादा है
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