Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4a872bfaf62476e84a8a65773644ae3e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हयात वक़्फ़-ए-ग़म-ए-रोज़गार क्यूँ करते - ज़ुहूर नज़र कविता - Darsaal

हयात वक़्फ़-ए-ग़म-ए-रोज़गार क्यूँ करते

हयात वक़्फ़-ए-ग़म-ए-रोज़गार क्यूँ करते

मैं सोचता हूँ कि वो मुझ से प्यार क्यूँ करते

न मेरी राह में तारे न मेरे पास चराग़

वो मेरे साथ सफ़र इख़्तियार क्यूँ करते

निगाह सिर्फ़ बुलावा नहीं कुछ और भी है

ये जानते तो तिरा ए'तिबार क्यूँ करते

ग़म-ए-हयात में होता अगर न हाथ तिरा

तो हम ख़िरद में जुनूँ को शुमार क्यूँ करते

कोई तो बात है वर्ना जफ़ाओं के मारे

तुझे भुला के तिरा इंतिज़ार क्यूँ करते

'नज़र' चमन में अगर वाक़ई बहार आती

तो फूल ख़्वाहिश-ए-अब्र-ए-बहार क्यूँ करते

(1462) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hayat Waqf-e-gham-e-rozgar Kyun Karte In Hindi By Famous Poet Zuhoor Nazar. Hayat Waqf-e-gham-e-rozgar Kyun Karte is written by Zuhoor Nazar. Complete Poem Hayat Waqf-e-gham-e-rozgar Kyun Karte in Hindi by Zuhoor Nazar. Download free Hayat Waqf-e-gham-e-rozgar Kyun Karte Poem for Youth in PDF. Hayat Waqf-e-gham-e-rozgar Kyun Karte is a Poem on Inspiration for young students. Share Hayat Waqf-e-gham-e-rozgar Kyun Karte with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.