नज़्म

तुम किस सोच में डूब गए हो

हाथ का पत्थर पानी के सीने पर मारो

चोट तो पानी को आएगी

पानी चोट की ताब न ला कर

मौजों की सूरत में बहता

साहिल साहिल सर पटकेगा

फिर ख़ुद ही असली हालत पर आ जाएगा

तुम किस सोच में डूब गई हो

हाथ का पत्थर पानी के सीने पर मारो

मैं पानी हूँ

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Nazm In Hindi By Famous Poet Zubair Rizvi. Nazm is written by Zubair Rizvi. Complete Poem Nazm in Hindi by Zubair Rizvi. Download free Nazm Poem for Youth in PDF. Nazm is a Poem on Inspiration for young students. Share Nazm with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.