ज़ुबैर क़ैसर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ुबैर क़ैसर
नाम | ज़ुबैर क़ैसर |
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अंग्रेज़ी नाम | Zubair Qaisar |
जन्म की तारीख | 1975 |
ये नफ़सियाती मरीज़ों का शहर है 'क़ैसर'
तिरी तस्वीर उठाई हुई है
तिरा जवाब मिरे काम का नहीं है अब
सुब्ह तक बे-तलब मैं जागूँगा
शिकस्ता ख़्वाब मिरे आईने में रक्खे हैं
मैं उस के जाल में आऊँगा देखना 'क़ैसर'
तिरी तस्वीर उठाई हुई है
सुब्ह तक बे-तलब मैं जागूँगा
शिकस्ता ख़्वाब मिरे आईने में रक्खे हैं
नज़र नज़र से मिलाओगे मारे जाओगे
कहीं से आया तुम्हारा ख़याल वैसे ही
झुलसती धूप में मुझ को जला के मारेगा