ज़ुबैर अमरोहवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ुबैर अमरोहवी
नाम | ज़ुबैर अमरोहवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Zubair Amrohvi |
कितने चेहरों के रंग ज़र्द पड़े
हर एक लम्हा तिरी याद में बसर करना
ग़म तो ग़म ही रहेंगे 'ज़ुबैर'
एक ही घर के रहने वाले एक ही आँगन एक ही द्वार
ज़ेहन परेशाँ हो जाता है और भी कुछ तन्हाई में
फिर घड़ी आ गई अज़िय्यत की
हम जो गिर कर सँभल जाएँगे
हर एक लम्हा तिरी याद में बसर करना