Ghazals of Ziya Mazkoor
नाम | ज़िया मज़कूर |
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अंग्रेज़ी नाम | Ziya Mazkoor |
वक़्त ही कम था फ़ैसले के लिए
तुम ने भी उन से ही मिलना होता है
फ़ोन तो दूर वहाँ ख़त भी नहीं पहुँचेंगे
मेरे कमरे में इक ऐसी खिड़की है
कोई भी रस्ता बहुत सोच कर चुनूँगा मैं
इसी नदामत से उस के कंधे झुके हुए हैं
बोल पड़ते हैं हम जो आगे से
बे-सबब उस के नाम की मैं ने
ऐसे उस हाथ से गिरे हम लोग