इश्क़ जब तुझ से हुआ ज़ेहन के जुगनू जागे
इश्क़ जब तुझ से हुआ ज़ेहन के जुगनू जागे
लफ़्ज़ पैकर में ढले सोच के पहलू जागे
देखिए खिलता है अब कौन से एहसास का फूल
देखिए रूह में अब कौन सी ख़ुशबू जागे
जाने कब मेरे थके जिस्म की जागे क़िस्मत
जाने कब यार तिरे लम्स का जादू जागे
जागते तन्हा यही सोचता रहता हूँ मैं
रतजगा कैसा हो गर साथ मिरे तू जागे
जब समुंदर के सफ़र पर वो मिरे साथ चला
लहरें इठला के उठीं नींद से टापू जागे
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