Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_64ebe8d2bd729eb2bae256be882b9579, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
क्या सरोकार अब किसी से मुझे - ज़िया जालंधरी कविता - Darsaal

क्या सरोकार अब किसी से मुझे

क्या सरोकार अब किसी से मुझे

वास्ता था तो था तुझी से मुझे

बे-हिसी का भी अब नहीं एहसास

क्या हुआ तेरी बे-रुख़ी से मुझे

मौत की आरज़ू भी कर देखो

क्या उम्मीदें थीं ज़िंदगी से मुझे

फिर किसी पर न ए'तिबार आए

यूँ उतारो न अपने जी से मुझे

तेरा ग़म भी न हो तो क्या जीना

कुछ तसल्ली है दर्द ही से मुझे

कितना पुरकार हो गया हूँ कि था

वास्ता तेरी सादगी से मुझे

कर गए किस क़दर तबाह 'ज़िया'

दुश्मन अंदाज़-ए-दोस्ती से मुझे

(1099) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kya Sarokar Ab Kisi Se Mujhe In Hindi By Famous Poet Zia Jalandhari. Kya Sarokar Ab Kisi Se Mujhe is written by Zia Jalandhari. Complete Poem Kya Sarokar Ab Kisi Se Mujhe in Hindi by Zia Jalandhari. Download free Kya Sarokar Ab Kisi Se Mujhe Poem for Youth in PDF. Kya Sarokar Ab Kisi Se Mujhe is a Poem on Inspiration for young students. Share Kya Sarokar Ab Kisi Se Mujhe with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.