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ज़िया जालंधरी Couplets In Hindi - Best ज़िया जालंधरी Couplets Shayari & Poems - Darsaal

Coupletss of Zia Jalandhari

Coupletss of Zia Jalandhari
नामज़िया जालंधरी
अंग्रेज़ी नामZia Jalandhari
जन्म की तारीख1923
मौत की तिथि2012
जन्म स्थानIslamabad

'ज़िया' वो ज़िंदगी क्या ज़िंदगी है

ये आँसू ये पशेमानी का इज़हार

वो शाख़ बने-सँवरे वो शाख़ फले-फूले

वो ख़्वाब क्या था कि जिस की हयात है ताबीर

वक़्त बे-मेहर है इस फ़ुर्सत-ए-कमयाब में तुम

उन्हें अपने गुदाज़-ए-दिल से अंदाज़ा था औरों का

उन कही बात के सौ रूप कही बात का एक

तू कोई सूखा हुआ पत्ता नहीं है कि जिसे

तेरे दुख को पा कर हम तो अपना दुख भी भूल गए

तेरा ग़म भी न हो तो क्या जीना

रंग बातें करें और बातों से ख़ुश्बू आए

मुश्किलें दिल में नई शमएँ जला देती हैं

मैं आफ़्ताब को कैसे दिखाऊँ तारीकी

कैसे दुख कितनी चाह से देखा

इज़हार ना-रसा सही वो सूरत-ए-जमाल

इतना सोचा तुझे कि दुनिया को

इश्क़ में भी कोई अंजाम हुआ करता है

हिम्मत है तो बुलंद कर आवाज़ का अलम

हाँ मुझ पे सितम भी हैं बहुत वक़्त के लेकिन

देख फूलों से लदे धूप नहाए हुए पेड़

बुरा न मान 'ज़िया' उस की साफ़-गोई का

अन-कही बात के सौ रूप कही बात का एक

अब्र-ए-आवारा से मुझ को है वफ़ा की उम्मीद

अब ये आँखें किसी तस्कीन से ताबिंदा नहीं

अब जो रूठे तो जाँ पे बनती है

अब इस का चारा ही क्या कि अपनी तलब ही ला-इंतिहा थी वर्ना

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