Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9de0525365fce782ec7c9bf11820e2ba, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हुस्न है मोहब्बत है मौसम-ए-बहाराँ है - ज़िया फ़तेहाबादी कविता - Darsaal

हुस्न है मोहब्बत है मौसम-ए-बहाराँ है

हुस्न है मोहब्बत है मौसम-ए-बहाराँ है

काएनात रक़्साँ है ज़िंदगी ग़ज़ल-ख़्वाँ है

इशरतों के मुतलाशी ग़म से क्यूँ गुरेज़ाँ है

तीरगी के पर्दे में रौशनी का सामाँ है

गीत हैं जवानी है अब्र है बहारें हैं

मुज़्तरिब इधर मैं हूँ तू उधर परेशाँ है

धूप हो कि बारिश हो तू है मोनिस-ओ-हमदम

मुझ पे ये तिरा एहसाँ ऐ ग़म-ए-फ़रावाँ है

रिंद बुख़्ल-ए-साक़ी पर किस क़दर थे कल बरहम

मय-कदा है आज अपना और तंग दामाँ है

उफ़ दो-रंगी-ए-दुनिया उफ़ तज़ाद का आलम

कुफ़्र के उजाले हैं तीरगी-ए-ईमाँ है

बे-नक़ाब देखा था ख़्वाब में उन्हें इक शब

आज तक निगाहों में ऐ 'ज़िया' चराग़ाँ है

(1636) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Husn Hai Mohabbat Hai Mausam-e-bahaaran Hai In Hindi By Famous Poet Zia Fatehabadi. Husn Hai Mohabbat Hai Mausam-e-bahaaran Hai is written by Zia Fatehabadi. Complete Poem Husn Hai Mohabbat Hai Mausam-e-bahaaran Hai in Hindi by Zia Fatehabadi. Download free Husn Hai Mohabbat Hai Mausam-e-bahaaran Hai Poem for Youth in PDF. Husn Hai Mohabbat Hai Mausam-e-bahaaran Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Husn Hai Mohabbat Hai Mausam-e-bahaaran Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.