नज़्म
चिड़िया पानी पीने आई लेकिन कोई बात न की
मैं उस को इक लड़की की तस्वीर दिखाना चाहता था
पास बिठा कर कोई अधूरा गीत सुनाना चाहता था
उस के परों को अपने जीवन पर फैलाना चाहता था
थोड़ी देर को धरती से अम्बर पर जाना चाहता था
चिड़िया पानी पीने आई लेकिन कोई बात न की
शाम से पहले वो भी अपने घर को जाना चाहती थी
रंग-बिरंगे तिनकों से इक ख़्वाब बनाना चाहती थी
चाँद सितारों को सूरज को हाथ लगाना चाहती थी
पानी पी के वो भी इक बादल बन जाना चाहती थी
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