Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7316fd8a0a445c8241714b3fa9e7a9e5, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
नज़्म - ज़ीशान साहिल कविता - Darsaal

नज़्म

शाएरी

एक मोजज़ा है

जो ज़ख़्मों को

फूलों में तब्दील कर देती है

शायद मैं ने ग़लत कहा

क्यूँकि ये फूल

कोई वाज़ेह शक्ल इख़्तियार नहीं कर पाते

इन का कोई रंग नहीं होता

इन से कोई ख़ुश्बू नहीं निकलती

इन को नज़्मों की किताब में नहीं रक्खा जा सकता

महबूबा को नहीं दिया जा सकता

दोस्तों को नहीं भेजा जा सकता

टाउन-हॉल में इन की नुमाइश नहीं की जा सकती

कोई बैंक हर रोज़

इन की क़ीमत-ए-ख़रीद या क़ीमत-e-फ़रोख़्त जारी नहीं करता

हर क़िस्म के जज़्बे से आरी ये फूल

इंसानी तारीख़ में कोई नुमायाँ मक़ाम

हासिल नहीं कर पाएँगे

कोई इन्हें ख़्वाबों में नहीं देखेगा

ये किसी सड़क के किनारे नहीं खेलेंगे

इन्हें कोई कश्ती में भर के नहीं ले जाएगा

बग़ैर किसी मौसम के फूटने वाले ये फूल

शाएरी का मोजज़ा हैं

आग मिट्टी हवा और पानी की शायद इन्हें ज़रूरत ही नहीं पड़ती

ये इंसान की आवाज़ के साथ नश्व-ओ-नुमा पाते हैं

इंसान की ख़ामोशी में हमेशा ज़िंदा रहते हैं

इंसानी लम्स से जिला पाने वाले ये शाहकार

इंसान की तरह फ़ना नहीं किए जा सकते

हथियारों की मदद से मुतअस्सिर नहीं किए जा सकते

शाएरी एक मोजज़ा है

जो ज़ख़्मों को फूलों में

या किसी भी चीज़ को किसी चीज़ में बदल सकता है

ज़िंदा रख सकता है

(1250) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Nazm In Hindi By Famous Poet Zeeshan Sahil. Nazm is written by Zeeshan Sahil. Complete Poem Nazm in Hindi by Zeeshan Sahil. Download free Nazm Poem for Youth in PDF. Nazm is a Poem on Inspiration for young students. Share Nazm with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.