Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_ca653d2bf0c93d1dd905d5abdbcf12db, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मेरी चिड़ियाँ हमेशा मर जाती हैं - ज़ीशान साहिल कविता - Darsaal

मेरी चिड़ियाँ हमेशा मर जाती हैं

ख़ुशी की हालत में

या आँसू बहाते हुए

ख़ामोशी के साथ

मेरी चिड़ियाँ हमेशा मर जाती हैं

जब उन से वादा किया जाता है

कि उन्हें सैर कराने के लिए

शहर से बाहर ले जाया जाएगा

रंग-बिरंगी तितलियों वाले पिंजरे में

एक साथ बैठते हुए

मेरी चिड़ियाँ हमेशा मर जाती हैं

जब उन से कहा जाता है

उन्हें एक ग़ैर-आबाद जज़ीरे में ले जा कर

आज़ाद छोड़ दिया जाएगा

रेशमी डोरी से अपने परों को बँधवाते हुए

मेरी चिड़ियाँ हमेशा मर जाती हैं

जब उन्हें बताया जाता है

अगर वो चाहें तो चाँद को छू सकती हैं

कभी न कभी

अपने टूटे हुए परों के साथ

चाँद की तरफ़ जाते हुए

मेरी चिड़ियाँ हमेशा मर जाती हैं

(1095) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Meri ChiDiyan Hamesha Mar Jati Hain In Hindi By Famous Poet Zeeshan Sahil. Meri ChiDiyan Hamesha Mar Jati Hain is written by Zeeshan Sahil. Complete Poem Meri ChiDiyan Hamesha Mar Jati Hain in Hindi by Zeeshan Sahil. Download free Meri ChiDiyan Hamesha Mar Jati Hain Poem for Youth in PDF. Meri ChiDiyan Hamesha Mar Jati Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Meri ChiDiyan Hamesha Mar Jati Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.