ख़ुद-कुशी
एक ऐसे सर्वे के मुताबिक़
जो मेरे दोस्त
अपने दिल को मौसूल होने वाली
ग़ैर-ज़रूरी ख़बरों को जम्अ कर के
मुरत्तब कर रहे हैं
शहर में कोई ख़ुद-कुशी नहीं कर रहा
मोहब्बत में नाकामी पर फ़ीनाइल पीने वाली लड़कियाँ
और नौकरी न मिलने पर
बड़े भाई के लाइसेंस-याफ़ता पिस्तौल से
ख़ुद-कुशी करने वाले लड़के
बहुत दिन से नज़र नहीं आए
दुपट्टे का फंदा बना कर मर जाने वाली
बे-औलाद दुल्हनें
और तवील बीमारी से तंग आ कर
ख़ुद को जला कर हलाक करने वाले
उधेड़-उम्र मरीज़
नापैद हो गए हैं
शहर में अब जिस को भी ख़ुद-कुशी करनी हो
उसे बहुत ज़ियादा तग-ओ-दौ नहीं करनी पड़ती
वो बाहर निकलता है
और थोड़ी देर के लिए
निशाना-बाज़ों वाली येलो कैब का
इंतिज़ार करता है
या जब उस की सड़क के दोनों तरफ़
ख़ूब फायरिंग हो रही हो
वो बिला-इरादा बॉलकनी में जा के खड़ा हो जाता है
जब लोग ख़ुद-कुशी करना चाहते हैं
यक़ीन कीजिए
किसी जिंसी इम्तियाज़ के बग़ैर
रंग, नस्ल और ज़बान के फ़र्क़ को ख़ातिर में न लाते हुए
गोलियाँ हर जगह
उन्हें ढूँढ निकालती हैं
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