जवाहर-लाल यूनवर्सिटी के तलबा के लिए
हमें एक दिन ख़त्म करना पड़ेगा
हमारे दिलों में जो कुछ फ़ासला है
हमें धूप में ख़ूब चलना पड़ेगा
मोहब्बत का बस एक ही रास्ता है
हम इंसान हैं और इंसाँ रहेंगे
जो हैवान हैं एक दिन तंग आ कर
चले जाएँगे अपने जंगल में वापस
जहाँ वो रहेंगे वहीं लड़ मरेंगे
जो बाक़ी बचेंगे वो शहरों में आ कर
घरों को जलाने की कोशिश करेंगे
जवानों को खाने की कोशिश करेंगे
वो कॉलेज से जाती हुई लड़कियों को
अंधेरे में लाने की कोशिश करेंगे
हम इंसान हैं और इंसाँ की इज़्ज़त
हमेशा बचाने की कोशिश करेंगे
हमें कोई अश्लोक आता नहीं है
स्वामी का त्रिशूल भाता नहीं है
हमारी कवीता, हमारी कथा है
हमारी किताबें हमारा जथा है
अगर कोई दीमक हमारा असासा
मिटाने की आशा लिए आ रही है
वो ये जान ले कि हमारे दिलों में
मोहब्बत की लौ जगमगाने लगी है
हमें अपने सीनों की सीढ़ी बना के
किसी रात अम्बर पे जाना पड़ेगा
दिए की जगह फूल रखने पड़ेंगे
परिंदों के हमराह गाना पड़ेगा
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