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दादी-अम्माँ की थ्योरी - ज़ीशान साहिल कविता - Darsaal

दादी-अम्माँ की थ्योरी

दादी-अम्माँ कहती हैं

सारी दुनिया गाए के सींग पर टिकी है

जब ये गाए दुनिया को

एक सींग पर उठाए उठाए

थक जाती है

तो उसे दूसरे सींग पर रख लेती है

इधर से उधर होने पर

गाए के एक सींग से दूसरे सींग तक आते आते

ज़रा ऊपर को दुनिया

हिल कर रह जाती है

दादी-अम्माँ की थ्योरी के मुताबिक़

कराची भी इसी दुनिया में

सींगों पर कहीं वाक़े है

पिछले कुछ दिनों से

ये गाए कुछ थकी थकी रहने लगी है

और दुनिया को जल्दी जल्दी

सींगों पर इधर उधर करती रहती है

लेकिन ये बात समझ में नहीं आती

और दादी-अम्माँ की तरह

हमें भी परेशान करती है

कि अब

जब गाए दुनिया को एक सींग से बदल कर

दूसरे सींग पर लेती है

तो हमारा कराची ही

सब से ज़ियादा क्यूँ हिलता है

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