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चाक़ू - ज़ीशान साहिल कविता - Darsaal

चाक़ू

हमारी तन्हाई से

एक लालटैन बनाई जा रही है

जिसे तूफ़ानी बारिश में

हंगामी तौर पर इस्ति'माल किया जाएगा

या सोने की कान में काम करने वालों को

मुफ़्त फ़राहम किया जाएगा

हमारी तन्हाई से

एक बग्घी बनाई जा रही है

जिसे तफ़रीही मक़ामात पर रखा जाएगा

या एक्सप्रेस ट्रेन के

पटरी से उतर जाने के बअ'द

ख़राब मौसम में

रवाना क्या जाएगा

हमारी तन्हाई से

एक पुल बनाया जा रहा है

जिसे जंग के दौरान या बअ'द में

टैंकों के गुज़र जाने के लिए

इस्ति'माल किया जाएगा

या अचानक

धमाके से उड़ा दिया जाएगा

हमारी तन्हाई से

एक चाक़ू बनाया जा रहा है

जिसे काग़ज़ काटने और सेब तराशने के

काम में लाया जाएगा

और

ज़ंग-आलूद होने पर

हमारे दिल में

उतार दिया जाएगा

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Chaqu In Hindi By Famous Poet Zeeshan Sahil. Chaqu is written by Zeeshan Sahil. Complete Poem Chaqu in Hindi by Zeeshan Sahil. Download free Chaqu Poem for Youth in PDF. Chaqu is a Poem on Inspiration for young students. Share Chaqu with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.