तू अपने जैसा अछूता ख़याल दे मुझ को

तू अपने जैसा अछूता ख़याल दे मुझ को

मैं तेरा अक्स हूँ अपना जमाल दे मुझ को

मैं टूट जाऊँगी लेकिन न झुक सकूँगी कभी

मजाल है किसी पैकर में ढाल दे मुझ को

मैं अपने दिल से मिटाऊँगी तेरी याद मगर

तू अपने ज़ेहन से पहले निकाल दे मुझ को

मैं संग-ए-कोह की मानिंद हूँ न बिखरूँगी

न हो यक़ीं जो तुझे तो उछाल दे मुझ को

ख़ुशी ख़ुशी बढ़ूँ खो जाऊँ तेरी हस्ती में

अना के ख़ौफ़ से 'सानी' निकाल दे मुझ को

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Tu Apne Jaisa Achhuta KHayal De Mujhko In Hindi By Famous Poet Zareena Sani. Tu Apne Jaisa Achhuta KHayal De Mujhko is written by Zareena Sani. Complete Poem Tu Apne Jaisa Achhuta KHayal De Mujhko in Hindi by Zareena Sani. Download free Tu Apne Jaisa Achhuta KHayal De Mujhko Poem for Youth in PDF. Tu Apne Jaisa Achhuta KHayal De Mujhko is a Poem on Inspiration for young students. Share Tu Apne Jaisa Achhuta KHayal De Mujhko with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.