Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_851d85c7d31094318d26bf6a089faf8a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
न आँसुओं में कभी था न दिल की आह में है - ज़मीर काज़मी कविता - Darsaal

न आँसुओं में कभी था न दिल की आह में है

न आँसुओं में कभी था न दिल की आह में है

तमाश-बीन हमेशा से रक़्स-गाह में है

ब-नाम-ए-इश्क़ मिरी ज़िंदगी तिरे क़ुर्बां

मगर नसीब मिरा बे-तलब निबाह में है

मैं जानता हूँ कि है किस की आँख का आँसू

वो एक ला'ल जो अब तक मिरी कुलाह में है

दिलों के रिश्ते हैं सब अलविदाई मंज़िल में

कि ना-गुज़ीर अज़िय्यत हर एक चाह में है

नमाज़-ए-ईद कई साल से न पढ़ पाया

ब-नाम-ए-मौत कोई ख़ौफ़ ईद-गाह में है

ये मेरी फ़िक्र नए दौर की अमानत है

कि आने वाली सदी भी मिरी निगाह में है

ये इत्तिफ़ाक़ भी इक इंहिराफ़ है गोया

मिरा 'ज़मीर' अभी तक मिरी पनाह में है

(2041) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Na Aansuon Mein Kabhi Tha Na Dil Ki Aah Mein Hai In Hindi By Famous Poet Zameer Kazmi. Na Aansuon Mein Kabhi Tha Na Dil Ki Aah Mein Hai is written by Zameer Kazmi. Complete Poem Na Aansuon Mein Kabhi Tha Na Dil Ki Aah Mein Hai in Hindi by Zameer Kazmi. Download free Na Aansuon Mein Kabhi Tha Na Dil Ki Aah Mein Hai Poem for Youth in PDF. Na Aansuon Mein Kabhi Tha Na Dil Ki Aah Mein Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Na Aansuon Mein Kabhi Tha Na Dil Ki Aah Mein Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.