Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_aae88aaf94ead9ae45414c4c3d0bccf4, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ज़मीन-ए-इश्क़-ओ-वफ़ा पे उड़ती हिकायतें भी नई नहीं हैं - ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर कविता - Darsaal

ज़मीन-ए-इश्क़-ओ-वफ़ा पे उड़ती हिकायतें भी नई नहीं हैं

ज़मीन-ए-इश्क़-ओ-वफ़ा पे उड़ती हिकायतें भी नई नहीं हैं

लहू की गर्दिश में रक़्स करती रिफाक़तें भी नई नहीं हैं

मोहब्बतों के ये फ़ैसले तो ख़ुदा-ए-बर्तर ने लिख रखे हैं

कहाँ तलक हम बचाएँ दामन ये चाहतें भी नई नहीं हैं

अगरचे देखे हैं ज़ुल्फ़-ओ-लब के हसीन सपने तो क्या ग़लत है

नज़र के खेतों में ख़्वाब बोने की हसरतें भी नई नहीं हैं

बहार आते ही यूँ लगा कि चमन दरीदा-दहन हुआ है

गुलाब-रुत में चमन पे नाज़िल ये आफ़तें भी नई नहीं हैं

पता नहीं क्यूँ वो ख़ुश बहुत है फ़ुज़ूल मसनद-नशीन हो कर

सगान-ए-मसनद की फ़ातेहाना हिमाक़तें भी नई नहीं हैं

झुकी नज़र से कलाम कर के असीर कर ले वो आशिक़ों को

नज़र नज़र में नज़र चुराने की आदतें भी नई नहीं हैं

सनम की इक इक अदा पे 'ज़ाकिर' नई ग़ज़ल की है क्या ज़रूरत

शरारतें भी नई नहीं हैं नज़ाकतें भी नई नहीं हैं

(1223) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Zamin-e-ishq-o-wafa Pe UDti Hikayaten Bhi Nai Nahin Hain In Hindi By Famous Poet Zakir Khan Zakir. Zamin-e-ishq-o-wafa Pe UDti Hikayaten Bhi Nai Nahin Hain is written by Zakir Khan Zakir. Complete Poem Zamin-e-ishq-o-wafa Pe UDti Hikayaten Bhi Nai Nahin Hain in Hindi by Zakir Khan Zakir. Download free Zamin-e-ishq-o-wafa Pe UDti Hikayaten Bhi Nai Nahin Hain Poem for Youth in PDF. Zamin-e-ishq-o-wafa Pe UDti Hikayaten Bhi Nai Nahin Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Zamin-e-ishq-o-wafa Pe UDti Hikayaten Bhi Nai Nahin Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.