Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_de13833666e43627adffa970d8c81c11, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
इस बज़्म-ए-तसव्वुर में बस यार की बातें हैं - ज़ाकिर ख़ान ज़ाकिर कविता - Darsaal

इस बज़्म-ए-तसव्वुर में बस यार की बातें हैं

इस बज़्म-ए-तसव्वुर में बस यार की बातें हैं

मिज़्गाँ के क़सीदे हैं रुख़्सार की बातें हैं

होंटों के दरीचों पर दिलदार की बातें हैं

पर्दा भी है पर्दे में दीदार की बातें हैं

इज़हार-ए-मोहब्बत का अंदाज़ निराला है

इंकार के लहजे में इक़रार की बातें हैं

दिन-रात तसव्वुर में तस्वीर तुम्हारी है

इस पार की दुनिया में उस पार की बातें हैं

यूँ कैफ़ नुमायाँ है ग़ज़लों में मिरी जैसे

आफ़ाक़ की वुसअ'त में फ़नकार की बातें हैं

आँखों को मिरी पढ़ कर साक़ी ने कहा हँस कर

ईक़ान ज़रा मुश्किल मय-ख़्वार की बातें हैं

ये इश्क़ तुम्हें 'ज़ाकिर' किस मोड़ पे ले आया

ज़ंजीर है पैरों में झंकार की बातें हैं

(1090) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Is Bazm-e-tasawwur Mein Bas Yar Ki Baaten Hain In Hindi By Famous Poet Zakir Khan Zakir. Is Bazm-e-tasawwur Mein Bas Yar Ki Baaten Hain is written by Zakir Khan Zakir. Complete Poem Is Bazm-e-tasawwur Mein Bas Yar Ki Baaten Hain in Hindi by Zakir Khan Zakir. Download free Is Bazm-e-tasawwur Mein Bas Yar Ki Baaten Hain Poem for Youth in PDF. Is Bazm-e-tasawwur Mein Bas Yar Ki Baaten Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Is Bazm-e-tasawwur Mein Bas Yar Ki Baaten Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.