Ghazals of Zakauddin Shaya.n
नाम | ज़काउद्दीन शायाँ |
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अंग्रेज़ी नाम | Zakauddin Shaya.n |
जन्म की तारीख | 1933 |
मौत की तिथि | 2007 |
जन्म स्थान | Hyderabad |
उभरता चाँद सियह रात के परों में था
तंग कमरों में है महबूस फ़ज़ा का मतलब
सियह बिस्तर पड़े हैं सुब्ह-ए-नज़्ज़ारा उतर आए
रौशनी लटकी हुई तलवार सी
रात आँसू को तिरी आँख में देखा हम ने
क़यामत का कोई हंगाम उभरे
महकी शब आईना देखे अपने बिस्तर से बाहर
ख़ाक हम मुँह पे मले आए हैं
हरे मौसम खिलेंगे सोना बन के ख़ाक बदलेगी
दरिया का चढ़ाव बाँध लेना