दिल ही सही समझाने वाला

दिल ही सही समझाने वाला

कोई तो है ग़म खाने वाला

दिल के क्या क्या तौर थे लेकिन

फूल था इक मुरझाने वाला

हिज्र की शब है और मिरा दिल

शाम ही से घबराने वाला

डूब चले तारे भी अब तो

कब आएगा आने वाला

दिल की लगी दिल वाला जाने

क्या समझे समझाने वाला

रोइए लाख 'ज़का' अब दिल को

कब आया है जाने वाला

(697) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Hi Sahi Samjhane Wala In Hindi By Famous Poet Zaka Siddiqui. Dil Hi Sahi Samjhane Wala is written by Zaka Siddiqui. Complete Poem Dil Hi Sahi Samjhane Wala in Hindi by Zaka Siddiqui. Download free Dil Hi Sahi Samjhane Wala Poem for Youth in PDF. Dil Hi Sahi Samjhane Wala is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Hi Sahi Samjhane Wala with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.