Ghazals of Zaib Bareilwi
नाम | ज़ेब बरैलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Zaib Bareilwi |
नियाज़-ओ-नाज़ के साग़र खनक जाएँ तो अच्छा है
मशरब-ए-हुस्न के उन्वान बदल जाते हैं
कुछ ऐसे हाल-ओ-माज़ी तेरे अफ़्साने भी होते हैं
इश्क़ की मंज़िल में अब तक रस्म मर जाने की है
इस अदा से इश्क़ का आग़ाज़ होना चाहिए
गिला नहीं कि किनारों ने साथ छोड़ दिया