ज़ाहिद शम्सी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़ाहिद शम्सी
नाम | ज़ाहिद शम्सी |
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अंग्रेज़ी नाम | Zahid Shamsi |
मैं किनारों को रुलाने लगा हूँ
किसी मंज़र के पस-मंज़र में जा कर
ख़्वाब सितारे होते होंगे लेकिन आँखें रेत
आजिज़ी को चलन किए हुए हैं
नाम | ज़ाहिद शम्सी |
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अंग्रेज़ी नाम | Zahid Shamsi |
मैं किनारों को रुलाने लगा हूँ
किसी मंज़र के पस-मंज़र में जा कर
ख़्वाब सितारे होते होंगे लेकिन आँखें रेत
आजिज़ी को चलन किए हुए हैं