ज़हीर रहमती कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़हीर रहमती
नाम | ज़हीर रहमती |
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अंग्रेज़ी नाम | Zaheer Rahmati |
जन्म की तारीख | 1968 |
जन्म स्थान | Delhi |
ज़र्द चेहरे को बड़े शौक़ से सब देखते हैं
ज़माने भर को है उम्मीद उसी से
यूँ ही हम दर्द अपना खो रहे हैं
सतही लोगों में गहराई होती है
सदियों में कोई एक मोहब्बत होती है
कुछ न होते होते इक दिन ये हुआ
किसी दिन उक़्दा-ए-मुश्किल भी खुलता
ख़ुशी से अपना घर आबाद कर के
जिस की कुछ ताबीर न हो
और एहसास-ए-जिहालत बढ़ गया
ज़र्द गुलाबों की ख़ातिर भी रोता है
यूँ ही हम दर्द अपना खो रहे हैं
पानी पानी रहते हैं
ख़ुशी से अपना घर आबाद कर के
इशारे मुद्दतों से कर रहा है
दिल लगा कर पढ़ाई करते रहे
बरगुज़ीदा हैं हवाओं के असर से हम भी
बहुत कुछ वस्ल के इम्कान होते
आईने मद्द-ए-मुक़ाबिल हो गए