Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_6345e71ce39b77a2fc68f1f715d79811, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अब इश्क़ से लौ लगाएँगे हम - ज़हीर काश्मीरी कविता - Darsaal

अब इश्क़ से लौ लगाएँगे हम

अब इश्क़ से लौ लगाएँगे हम

अब दिल के भी काम आएँगे हम

जब झुटपुटा होगा शाम-ए-ग़म का

पलकों पे दिए जलाएँगे हम

हम बन गए हैं अदा तुम्हारी

छेड़ोगे तो रूठ जाएँगे हम

ऐ मूनिस-ए-दिल ऐ हिज्र की रात

ले चल दिए अब न आएँगे हम

क्या बैठे-बिठाए हो गया है

पूछेंगे तो क्या बताएँगे हम

वो आँख बड़ी जहाँ-नुमा है

उस आँख से क्या छुपाएँगे हम

सहरा तो 'ज़हीर' तंग निकला

अब देखें किधर को जाएँगे हम

(936) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ab Ishq Se Lau Lagaenge Hum In Hindi By Famous Poet Zaheer Kashmiri. Ab Ishq Se Lau Lagaenge Hum is written by Zaheer Kashmiri. Complete Poem Ab Ishq Se Lau Lagaenge Hum in Hindi by Zaheer Kashmiri. Download free Ab Ishq Se Lau Lagaenge Hum Poem for Youth in PDF. Ab Ishq Se Lau Lagaenge Hum is a Poem on Inspiration for young students. Share Ab Ishq Se Lau Lagaenge Hum with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.