Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e6035f5d42f86f5d2fd1f58ccb05b336, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
वो किस प्यार से कोसने दे रहे हैं - ज़हीर देहलवी कविता - Darsaal

वो किस प्यार से कोसने दे रहे हैं

वो किस प्यार से कोसने दे रहे हैं

बलाएँ अदावत की हम ले रहे हैं

पड़े हैं वो इशरत-कदे आज वीराँ

जहाँ यार लोगों के जलसे रहे हैं

बुरे और अच्छों के हैं ज़िक्र बाक़ी

बुरे ही रहे हैं न अच्छे रहे हैं

पयामी से कहते हैं किस ने कहा था

वो क्यूँ रात भर यूँ तड़पते रहे हैं

ज़बाँ थक गई कोसने देते देते

बस अब ख़ैर से चुटकियाँ ले रहे हैं

नए दाग़ खाए हैं क्या आज दिल पर

ये गुल तो हमेशा ही खिलते रहे हैं

जहाँ मिल के बैठे हैं दो-चार हम-सिन

हमारे तुम्हारे ही चर्चे रहे हैं

'ज़हीर' आह दिन ज़िंदगानी के अपने

बहुत जा चुके और थोड़े रहे हैं

(1026) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wo Kis Pyar Se Kosne De Rahe Hain In Hindi By Famous Poet Zaheer Dehlvi. Wo Kis Pyar Se Kosne De Rahe Hain is written by Zaheer Dehlvi. Complete Poem Wo Kis Pyar Se Kosne De Rahe Hain in Hindi by Zaheer Dehlvi. Download free Wo Kis Pyar Se Kosne De Rahe Hain Poem for Youth in PDF. Wo Kis Pyar Se Kosne De Rahe Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Wo Kis Pyar Se Kosne De Rahe Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.