Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_39344e8b339f820f499135f520e27190, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अभी से आ गईं नाम-ए-ख़ुदा हैं शोख़ियाँ क्या-क्या - ज़हीर देहलवी कविता - Darsaal

अभी से आ गईं नाम-ए-ख़ुदा हैं शोख़ियाँ क्या-क्या

अभी से आ गईं नाम-ए-ख़ुदा हैं शोख़ियाँ क्या-क्या

मिरी तक़दीर बन बन कर बदलती है ज़बाँ क्या-क्या

मुझे गर्दिश में रखती है निगाह-ए-दिल-सिताँ क्या-क्या

मिरी क़िस्मत दिखाती है मुझे नैरंगियाँ क्या-क्या

निगाहों में हया है और हया में है निहाँ क्या-क्या

तबीअत में बसी हैं ख़ैर से रंगीनियाँ क्या-क्या

फ़क़त इक सादगी पर शोख़ियों के हैं गुमाँ क्या-क्या

अदा-ए-ख़ामुशी में भर दिया रंग-ए-बयाँ क्या-क्या

दिल-ए-ख़ूँ-गश्ता-ए-हसरत ने क्या कुछ गुल खिलाए हैं

बहार-आगीं है कुछ अब की बरस फ़स्ल-ए-ख़िज़ाँ क्या-क्या

निगाहें बद-गुमानी से कहाँ जा-जा के लड़ती हैं

मिरी आँखों में हैं दुश्मन की बज़्म-आराईयाँ क्या-क्या

तसव्वुर में विसाल-ए-यार के सामान होते हैं

हमें भी याद हैं हसरत की बज़्म-आराईयाँ क्या-क्या

अभी से बन गई मुश्किल अभी तो दूर है मंज़िल

मुझे रुस्वा करेंगी देखिए बेताबियाँ क्या-क्या

वो जितने दूर खिंचते हैं तअल्लुक़ और बढ़ता है

नज़र से वो जो पिन्हाँ हैं तो दिल में हैं अयाँ क्या-क्या

(1232) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Abhi Se Aa Gain Nam-e-KHuda Hain ShoKHiyan Kya-kya In Hindi By Famous Poet Zaheer Dehlvi. Abhi Se Aa Gain Nam-e-KHuda Hain ShoKHiyan Kya-kya is written by Zaheer Dehlvi. Complete Poem Abhi Se Aa Gain Nam-e-KHuda Hain ShoKHiyan Kya-kya in Hindi by Zaheer Dehlvi. Download free Abhi Se Aa Gain Nam-e-KHuda Hain ShoKHiyan Kya-kya Poem for Youth in PDF. Abhi Se Aa Gain Nam-e-KHuda Hain ShoKHiyan Kya-kya is a Poem on Inspiration for young students. Share Abhi Se Aa Gain Nam-e-KHuda Hain ShoKHiyan Kya-kya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.