ज़फ़र ताबाँ कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ज़फ़र ताबाँ
नाम | ज़फ़र ताबाँ |
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अंग्रेज़ी नाम | Zafar Taban |
याद में तेरी दो-आलम को भुलाना है हमें
ताइर-ए-ख़स्ता-बाल को दाम भी कुंज-ए-आशियाँ
ख़ूबी ओ शान-ए-दिलबरी ग़म्ज़ा-ओ-नाज़ ही नहीं
ख़लिश-ए-इश्क़ से बचपन है दिल एक तरफ़
कहते हैं इश्क़ का अंजाम बुरा होता है
कहते हैं इश्क़ का अंजाम बुरा होता है
अब भी ख़ुदा-परस्त है दैर-ओ-हरम की क़ैद में
याद में तेरी दो-आलम को भुलाना है हमें
याद में तेरी दो आलम को भुलाना है हमें
उम्र-ए-अबद का मा-हसल इश्क़ का दौर-ए-ना-तमाम
उम्र-ए-अबद का मा-हसल इश्क़ का दौर-ए-ना-तमाम