मुझे लगते हैं प्यारे तितलियाँ जुगनू परिंदे

मुझे लगते हैं प्यारे तितलियाँ जुगनू परिंदे

ये ज़िंदा इस्तिआरे तितलियाँ जुगनू परिंदे

यहीं मिलती हैं धरती की हदें बाग़-ए-इरम से

वो देखो अब्र-पारे तितलियाँ जुगनू परिंदे

बस इक तुम ही नहीं मंज़र में वर्ना क्या नहीं है

सुराही चाँद तारे तितलियाँ जुगनू परिंदे

अभी ये कौन आया सेहन-ए-गुल में धीरे धीरे

अड़े ख़ुशबू के धारे तितलियाँ जुगनू परिंदे

यहाँ ख़तरे में है ख़ुद आदमी की ज़ात अपनी

जिएँ किस के सहारे तितलियाँ जुगनू परिंदे

किताब-ए-ज़िंदगी की ये मुक़द्दस आयतें हैं

हिरन चीतल चिकारे तितलियाँ जुगनू परिंदे

'ज़फ़र' ये कौन हम से छीन कर बचपन हमारा

उड़ाता है ग़ुबारे तितलियाँ जुगनू परिंदे

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