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ज़फ़र इक़बाल Couplets In Hindi - Best ज़फ़र इक़बाल Couplets Shayari & Poems - Page 2 - Darsaal

Coupletss of Zafar Iqbal (page 2)

Coupletss of Zafar Iqbal (page 2)
नामज़फ़र इक़बाल
अंग्रेज़ी नामZafar Iqbal
जन्म की तारीख1933
जन्म स्थानOkara, Pakistan

सुनोगे लफ़्ज़ में भी फड़फड़ाहट

सुना है वो मिरे बारे में सोचता है बहुत

शब-ए-विसाल तिरे दिल के साथ लग कर भी

साल-हा-साल से ख़ामोश थे गहरे पानी

साफ़-ओ-शफ़्फ़ाफ़ थी पानी की तरह निय्यत-ए-दिल

सफ़र पीछे की जानिब है क़दम आगे है मेरा

सच है कि हम से बात भी करना नमाज़ है

रूह फूँकेगा मोहब्बत की मिरे पैकर में वो

रू-ब-रू कर के कभी अपने महकते सुर्ख़ होंट

रोक रखना था अभी और ये आवाज़ का रस

रौ में आए तो वो ख़ुद गर्मी-ए-बाज़ार हुए

रखता हूँ अपना आप बहुत खींच-तान कर

रहता नहीं हूँ बोझ किसी पर ज़ियादा देर

पूरी आवाज़ से इक रोज़ पुकारूँ तुझ को

फिर सर-ए-सुब्ह किसी दर्द के दर वा करने

फिर जा रुकेगी बुझते ख़राबों के देस में

पतंग उड़ाने से क्या मनअ कर सके ज़ाहिद

परियों ऐसा रूप है जिस का लड़कों ऐसा नाँव

पलट पड़ा जो मैं सर फोड़ कर मोहब्बत में

न जाने क्यूँ मिरी निय्यत बदल गई यक-दम

मुस्कुराते हुए मिलता हूँ किसी से जो 'ज़फ़र'

मुश्किल-पसंद ही सही मैं वस्ल में मगर

मुझ से छुड़वाए मिरे सारे उसूल उस ने 'ज़फ़र'

मुझे कुछ भी नहीं मालूम और अंदर ही अंदर

मुझे ख़राब किया उस ने हाँ किया होगा

मुझ में हैं गहरी उदासी के जरासीम इस क़दर

मिला तो मंज़िल-ए-जाँ में उतारने न दिया

मेरी सूरज से मुलाक़ात भी हो सकती है

मिरी फ़ज़ा में है तरतीब-ए-काएनात कुछ और

मिरा मेयार मेरी भी समझ में कुछ नहीं आता

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