Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_8e6e525092ce126c49f358f54ed8268f, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
ये अहद क्या है कि सब पर गिराँ गुज़रता है - ज़फ़र अज्मी कविता - Darsaal

ये अहद क्या है कि सब पर गिराँ गुज़रता है

ये अहद क्या है कि सब पर गिराँ गुज़रता है

ये क्या तिलिस्म है क्या इम्तिहाँ गुज़रता है

वो क़हत-ए-लुत्फ़ है हर-दम तिरे फ़क़ीरों पर

हज़ार वसवसा आतिश-ब-जाँ गुज़रता है

जो ख़ाक हो गए तेरे फ़िराक़ में उन का

ख़याल भी कभी ऐ जान-ए-जाँ गुज़रता है

जब उस की बज़्म से चल ही पड़े तो सोचना क्या

कि अर्सा-ए-ग़म-ए-हिज्राँ कहाँ गुज़रता है

कभी वो चेहरा-ए-मानूस भी दिखाई दे

गली से रोज़ नया कारवाँ गुज़रता है

'ज़फ़र' बसंत भी है और बहार की रुत भी

फ़लक पे तख़्ता-ए-गुल का गुमाँ गुज़रता है

(909) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ye Ahd Kya Hai Ki Sab Par Giran Guzarta Hai In Hindi By Famous Poet Zafar Ajmi. Ye Ahd Kya Hai Ki Sab Par Giran Guzarta Hai is written by Zafar Ajmi. Complete Poem Ye Ahd Kya Hai Ki Sab Par Giran Guzarta Hai in Hindi by Zafar Ajmi. Download free Ye Ahd Kya Hai Ki Sab Par Giran Guzarta Hai Poem for Youth in PDF. Ye Ahd Kya Hai Ki Sab Par Giran Guzarta Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Ye Ahd Kya Hai Ki Sab Par Giran Guzarta Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.