Ghazals of Yusuf Zafar
नाम | यूसुफ़ ज़फ़र |
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अंग्रेज़ी नाम | Yusuf Zafar |
जन्म की तारीख | 1914 |
मौत की तिथि | 1972 |
यारो हर ग़म ग़म-ए-याराँ है क़रीब आ जाओ
यारो हर ग़म ग़म-ए-याराँ है क़रीब आ जाओ
वो मेरी जान है दिल से कभी जुदा न हुआ
तामीर-ए-ज़िंदगी को नुमायाँ किया गया
शहर लगता है बयाबान मुझे
पुकारता हूँ कि तुम हासिल-ए-तमन्ना हो
पानी को आग कह के मुकर जाना चाहिए
मैं लिपटता रहा हूँ ख़ारों से
मैं हूँ तेरे लिए बेनाम-ओ-निशाँ आवारा
क्या ढूँडने आए हो नज़र में
जो हुरूफ़ लिख गया था मिरी आरज़ू का बचपन
जिस का बदन है ख़ुश्बू जैसा जिस की चाल सबा सी है
हम गरचे दिल ओ जान से बेज़ार हुए हैं
है गुलू-गीर बहुत रात की पहनाई भी
बे-तलब एक क़दम घर से न बाहर जाऊँ
ऐ बे-ख़बरी जी का ये क्या हाल है कल से