Ghazals of Yusuf Taqi
नाम | यूसुफ़ तक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Yusuf Taqi |
जन्म की तारीख | 1943 |
जन्म स्थान | Kolkatta |
वैसे तो थे यार बहुत पर किसी ने मुझे पहचाना था
उसी यक़ीन उसी दस्त-ओ-पा की हाजत है
तेरी यादें भी नहीं ग़म भी नहीं तू भी नहीं
रात चौपाल और अलाव मियाँ
पटरियों की चमकती हुई धार पर फ़ासले अपनी गर्दन कटाते रहे
मिरे भी सुर्ख़-रू होने का इक मौक़ा निकल आता
लम्हा लम्हा फैलती जाती है रात
जाने कितनी देर चलेगी साथ मिरे चमकीली धूप
इतना करम कि अज़्म रहे हौसला रहे
हर लहज़ा मिरी ज़ीस्त मुझे बार-ए-गराँ है
हाल कुछ अब के जुदा है तिरे दीवानों का
घुटी घुटी ही सही मेरी चाह ले लेना
दिल में जब कभी तेरी याद सो गई होगी
दर्द की ख़ुशबू से ये महका रहा
बरसों बअ'द जो देखा उस को सर पर उलझा जोड़ा था