Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_7be4355bffa4b83143d1df77757a074a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दर्द हद से सिवा दिया तू ने - यूनुस ग़ाज़ी कविता - Darsaal

दर्द हद से सिवा दिया तू ने

दर्द हद से सिवा दिया तू ने

मेरा रुत्बा बढ़ा दिया तू ने

दर्द-ओ-ग़म ही सही ख़ुशी न सही

मुझ को जो कुछ दिया दिया तू ने

राहत-अफ़ज़ा लगा मुझे हर ग़म

दर्द ऐसा जगा दिया तू ने

नाम दे कर ग़म-ए-मोहब्बत का

क्यूँ फ़साना बना दिया तू ने

दिल में आया तो इस तरह आया

दिल से सब कुछ भुला दिया तू ने

जिस की हसरत कलीम रखते थे

मुझ को वो भी दिखा दिया तू ने

जुगनुओं ही पे थी नज़र मेरी

मुझ को सूरज बना दिया तू ने

(787) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dard Had Se Siwa Diya Tu Ne In Hindi By Famous Poet Yunus Ghazi. Dard Had Se Siwa Diya Tu Ne is written by Yunus Ghazi. Complete Poem Dard Had Se Siwa Diya Tu Ne in Hindi by Yunus Ghazi. Download free Dard Had Se Siwa Diya Tu Ne Poem for Youth in PDF. Dard Had Se Siwa Diya Tu Ne is a Poem on Inspiration for young students. Share Dard Had Se Siwa Diya Tu Ne with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.