Ghazals of Yaqoob Tasawwur
नाम | याक़ूब तसव्वुर |
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अंग्रेज़ी नाम | Yaqoob Tasawwur |
जन्म की तारीख | 1945 |
जन्म स्थान | Pakistan |
रू-ब-रू बुत के दुआ की भूल हो जाए तो फिर
मुसाफ़िरों के ये वहम-ओ-गुमाँ में था ही नहीं
मिरे चारों तरफ़ एक आहनी दीवार क्यूँ है
हुसूल-ए-रिज़्क़ के अरमाँ निकालते गुज़री
हर एक गाम पे इक बुत बनाना चाहा है
गर्दिश-ए-मुक़द्दर का सिलसिला जो चल जाए
दिलों में दर्द ही उतना कशीद रक्खा है
दरून-ए-हल्का-ए-ज़ंजीर हूँ मैं