Ghazals of Yaqoob Rahi
नाम | याक़ूब राही |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Yaqoob Rahi |
ज़िंदगी दश्त-ए-बला हो जैसे
सुर्ख़ लावे की तरह तप के निखरना सीखो
मुशाहिदा न कोई तजरबा न ख़्वाब कोई
कोई बे-नाम ख़लिश उकसाए
कोई बादल तपिश-ए-ग़म से पिघलता ही नहीं
ख़ून की एक नदी और बहेगी शायद
ख़ुद पे इल्ज़ाम क्यूँ धरो बाबा
जागे ज़मीर ज़ेहन खुले ताज़गी मिले
हवा-ए-सुब्ह-ए-नुमू दुश्मन-ए-चमन कैसे
दर्द उस का उभर रहा होगा