शब के सब असरार तुम्हारे
ताक़त सारी आप के बस में
सारी ज़ेहानत आप की है
हम मजबूर निहत्ते सारे
फिर भी हमारे
साथ हैं सब तारीख़ के धारे
शब के सब असरार तुम्हारे
सुब्ह का नूर हमारा है
गुम रस्तों पर ख़ून के छींटे
राह दिखाते तारे हैं
(673) Peoples Rate This