Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_945414d17b7760d85c315714b8c64db4, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
उदासी छा गई चेहरे पे शम-ए-महफ़िल के - यगाना चंगेज़ी कविता - Darsaal

उदासी छा गई चेहरे पे शम-ए-महफ़िल के

उदासी छा गई चेहरे पे शम-ए-महफ़िल के

नसीम-ए-सुब्ह से शोले भड़क उठे दिल के

शरीक-ए-हाल नहीं है कोई तो क्या परवा

दलील-ए-राह-ए-मोहब्बत हैं वलवले दिल के

अजब नहीं कि बपा हो यहीं से फ़ित्ना-ए-हश्र

ज़माने भर में हैं सारे फ़साद इसी दिल के

न संग-ए-मील न नक़्श-ए-क़दम न बाँग-ए-जरस

भटक न जाएँ मुसाफ़िर अदम की मंज़िल के

ख़ुशी के मारे ज़मीं पर क़दम नहीं रखते

जब आए क़ाफ़िले वाले क़रीब मंज़िल के

नज़ारा-ए-रुख़-ए-लैला मुबारक ऐ मजनूँ

निगाह-ए-शौक़ ने पर्दे उठाए महमिल के

मुशाहिदे को इक आईना-ए-जमाल दिया

कमाल-ए-इश्क़ ने जौहर दिखा दिए दिल के

ज़बान-ए-'यास' से अफ़्साना-ए-सहर सुनिए

वो रोना शम्अ का परवानों से गले मिल के

(1160) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Udasi Chha Gai Chehre Pe Sham-e-mahfil Ke In Hindi By Famous Poet Yagana Changezi. Udasi Chha Gai Chehre Pe Sham-e-mahfil Ke is written by Yagana Changezi. Complete Poem Udasi Chha Gai Chehre Pe Sham-e-mahfil Ke in Hindi by Yagana Changezi. Download free Udasi Chha Gai Chehre Pe Sham-e-mahfil Ke Poem for Youth in PDF. Udasi Chha Gai Chehre Pe Sham-e-mahfil Ke is a Poem on Inspiration for young students. Share Udasi Chha Gai Chehre Pe Sham-e-mahfil Ke with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.