चले चलो जहाँ ले जाए वलवला दिल का
चले चलो जहाँ ले जाए वलवला दिल का
दलील-ए-राह-ए-मोहब्बत है फ़ैसला दिल का
हवा़-ए-कूचा-ए-क़ातिल से बस नहीं चलता
कशाँ-कशाँ लिए जाता है वलवला दिल का
गिला किसे है कि क़ातिल ने नीम-जाँ छोड़ा
तड़प तड़प के निकालूँगा हौसला दिल का
ख़ुदा बचाए कि नाज़ुक है उन में एक से एक
तुनक-मिज़ाजों से ठहरा मोआमला दिल का
दिखा रहा है ये दोनों जहाँ की कैफ़ियत
करेगा साग़र-ए-जम क्या मुक़ाबला दिल का
हवा से वादी-ए-वहशत में बातें करते हो
भला यहाँ कोई सुनता भी है गिला दिल का
क़यामत आई खुला राज़-ए-इश्क़ का दफ़्तर
बड़ा ग़ज़ब हुआ फूटा है आबला दिल का
किसी के हो रहो अच्छी नहीं ये आज़ादी
किसी की ज़ुल्फ़ से लाज़िम है सिलसिला दिल का
प्याला ख़ाली उठा कर लगा लिया मुँह से
कि 'यास' कुछ तो निकल जाए हौसला दिल का
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