Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_647831fffbc48d49d74666965514762f, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
किस मुँह से कहें गुनाह क्या हैं - वज़ीर अली सबा लखनवी कविता - Darsaal

किस मुँह से कहें गुनाह क्या हैं

किस मुँह से कहें गुनाह क्या हैं

तौबा है रू-सियाह क्या हैं

अल्लाह है अफ़्व करने वाला

मैं क्या हूँ मिरे गुनाह क्या हैं

ऐ दोस्त तिरे गदा के आगे

कुछ भी नहीं बादशाह क्या हैं

तुम सा कोई बद-चलन न होगा

है है आशिक़ तबाह क्या हैं

गोरी गोरी है उन की सूरत

उस पर गेसू-ए-सियाह क्या हैं

चक्कर मैं हैं शैख़-ओ-गब्र दोनो

अपने लिए ख़ुद तबाह क्या हैं

देखे कोई हाल-ए-अहल-ए-दुनिया

ये लोग भी वाह वाह क्या हैं

उतरें उन से मुक़ाबले को

अफ़्लाक पे मेहर-ओ-माह क्या हैं

धूमें तेग़-ए-निगाह की हैं

तेवर ऐ कज-कुलाह क्या हैं

शाहिद हैं तिरे सितम के लाखों

दो-चार उस के गवाह क्या हैं

अल्लाह रे उन बुतों की आँखें

काफ़िर जादू निगाह क्या हैं

कट जाएगी उम्र-ए-चंद-रोज़ा

फ़िक्रें शाम-ओ-पगाह क्या हैं

उन का तो जवाब ही नहीं है

माशा-अल्लाह वाह क्या हैं

ऐ दिल उल्फ़त के महकमे में

क़ाज़ी क्या है गवाह क्या हैं

दिल है तो ज़ियादा उस से होंगे

ये नाला-ओ-अश्क-ओ-आह क्या हैं

पहलू में निगार हाथ में जाम

इस वक़्त तो बादशाह क्या हैं

उन की आमद जो ऐ 'सबा' है

सब मतलब रू-ब-राह क्या हैं

(1075) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kis Munh Se Kahen Gunah Kya Hain In Hindi By Famous Poet Wazir Ali Saba Lakhnavi. Kis Munh Se Kahen Gunah Kya Hain is written by Wazir Ali Saba Lakhnavi. Complete Poem Kis Munh Se Kahen Gunah Kya Hain in Hindi by Wazir Ali Saba Lakhnavi. Download free Kis Munh Se Kahen Gunah Kya Hain Poem for Youth in PDF. Kis Munh Se Kahen Gunah Kya Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Kis Munh Se Kahen Gunah Kya Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.