Ghazals of Waseem Malik
नाम | वसीम मलिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Waseem Malik |
मफ़रूर कभी ख़ुद पर शर्मिंदा नज़र आए
जो शख़्स मिरा दस्त-ए-हुनर काट रहा है
हम-सफ़र तू ने परों को जो मिरे काटा है
ऐ भँवर तेरी तरह बेबाक हो जाएँगे हम
नाम | वसीम मलिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Waseem Malik |
मफ़रूर कभी ख़ुद पर शर्मिंदा नज़र आए
जो शख़्स मिरा दस्त-ए-हुनर काट रहा है
हम-सफ़र तू ने परों को जो मिरे काटा है
ऐ भँवर तेरी तरह बेबाक हो जाएँगे हम