नज़्अ' में प्यार से क्यूँ पूछते हो तुम मुझ को

नज़्अ' में प्यार से क्यूँ पूछते हो तुम मुझ को

दम लबों पर है नहीं ताब-ए-तकल्लुम मुझ को

क़त्ल ग़ुस्से में करो फेर के मुँह तुम मुझ को

देखना देख न ले चश्म-ए-तरह्हुम मुझ को

अभी बैअ'त मैं करूँ दस्त-ए-सुबू पर साक़ी

ले चलें हाथ पकड़ कर जो सू-ए-ख़ुम मुझ को

तब शब-ए-वस्ल तिरा शुक्र अदा हो यारब

बहर-ए-तस्बीह मिलें दाना-ए-अंजुम मुझ को

ज़र्फ़ आली है मिरा अर्श-ए-बरीं पर है दिमाग़

जाम ख़ुर्शीद का गर्दूं का मिले ख़ुम मुझ को

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In Hindi By Famous Poet Waseem Khairabadi. is written by Waseem Khairabadi. Complete Poem in Hindi by Waseem Khairabadi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.