वसीम अकरम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का वसीम अकरम
नाम | वसीम अकरम |
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अंग्रेज़ी नाम | Waseem Akram |
मुझ को दुनिया से बे-ख़बर कर दे
कोई सूरत नहीं मगर उस का
कैसे उस को दिल की हालत समझाऊँ
देख उसे सब ज़िक्र हमारा करते हैं
आज व'अदा वो फिर निभाएगा
मुझ को दुनिया से बे-ख़बर कर दे
जब से मैं ने इश्क़ का पैराहन पहना है
इक अधूरी सी शाम बाक़ी है
आज जिस पर ये पर्दा-दारी है