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बदले हुए हालात से मायूस न होना - वाक़िफ़ राय बरेलवी कविता - Darsaal

बदले हुए हालात से मायूस न होना

बदले हुए हालात से मायूस न होना

इंसान के जज़्बात से मायूस न होना

ये रात उसी की है सहर भी है उसी की

इस दर्द-भरी रात से मायूस न होना

हर दिल से उदासी का भरम तोड़ते रहना

मायूस ख़यालात से मायूस न होना

माना कि बहुत आग है माहौल में लेकिन

इस मुल्क की बरसात से मायूस न होना

दुनिया से बहुत आस लगाना नहीं ऐ दोस्त

दुनिया की किसी बात से मायूस न होना

कुछ लोग ज़रा देर में खुलते हैं किसी से

पहली ही मुलाक़ात से मायूस न होना

आवारा सवालात की मंज़िल भी है 'वाक़िफ़'

दुनिया के जवाबात से मायूस न होना

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In Hindi By Famous Poet Waqif Rae Barelvi. is written by Waqif Rae Barelvi. Complete Poem in Hindi by Waqif Rae Barelvi. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.