रात भर तुम न जागते रहियो

रात भर तुम न जागते रहियो

ख़्वाब आँखों में पालते रहियो

एक लम्हे में फ़ैसला करना

उम्र भर याँ न सोचते रहियो

जो किसी की सुना नहीं अब तक

उस ख़ुदा को न पूजते रहियो

वक़्त के साथ साथ चलना तुम

इक जगह तो न बैठ के रहियो

भूल कर भी न लो यहाँ एहसाँ

इस बला से तो भागते रहियो

अपनी हस्ती ही क्या सो तुम ख़ुद को

इस जहाँ में न ढूँडते रहियो

अपनी आदत उदास रहना है

सो मिरे साथ सोच के रहियो

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In Hindi By Famous Poet Waqas Baloch. is written by Waqas Baloch. Complete Poem in Hindi by Waqas Baloch. Download free  Poem for Youth in PDF.  is a Poem on Inspiration for young students. Share  with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.