रात भर तुम न जागते रहियो
रात भर तुम न जागते रहियो
ख़्वाब आँखों में पालते रहियो
एक लम्हे में फ़ैसला करना
उम्र भर याँ न सोचते रहियो
जो किसी की सुना नहीं अब तक
उस ख़ुदा को न पूजते रहियो
वक़्त के साथ साथ चलना तुम
इक जगह तो न बैठ के रहियो
भूल कर भी न लो यहाँ एहसाँ
इस बला से तो भागते रहियो
अपनी हस्ती ही क्या सो तुम ख़ुद को
इस जहाँ में न ढूँडते रहियो
अपनी आदत उदास रहना है
सो मिरे साथ सोच के रहियो
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