वक़ार वासिक़ी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का वक़ार वासिक़ी
नाम | वक़ार वासिक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Waqar Vasiqi |
बुला रहे हो हमें भी मगर ख़याल रहे
तिरी नज़र में तिरे मा-सिवा नहीं होगा
सदा-ए-आफ़रीं उट्ठी थी जस्त ऐसी थी
किस क़दर वज़्न है ख़ताओं में
ख़ुश-नज़र कह के टाल दे मुझ को
जिस बात को सुन कर तुझे तकलीफ़ हुई है
ग़ैर-मुमकिन था ये इक काम मगर हम ने किया
अपने अंदर उतर रहा हूँ मैं